Vipin Bansal

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मेरी लाडो

( मेरी लाडो बिटिया को समर्पित मेरी यह रचना )

कविता = ( मेरी लाडो )

मेरे घर की तू है रौनक !
मेरे घर की तू है दौलत !
तुझसे मेरी सारी खुशियाँ !
मेरी आँखों की तू है निंदिया !
मेरे आँगन की तू है बग़िया !
मेरी लाडो मेरी दुनिया !

तेरा घर ये हुआ पुराना !
पिया घर तुझको अब है जाना !
तू है बाती वो है दीया !
पिया संग मिल अब चलना बिटिया !
कुल का अपने वो है दीपक !
मेरे घर की तू ज्योति बिटिया !
मेरे आँगन की तू है बग़िया !
मेरी लाडो मेरी दुनिया !

बहनों की सखी घर की प्यारी !
दिलों की धड़कन तू है हमारी !
भाई तेरा अब किससे लड़ेगा !
माँ का सहारा कौन बनेगा !
मेरी आँखों की तू थी निंदिया !
अब कैसे सोगी मेरी अखियाँ !
मेरे आँगन की तू है बग़िया !
मेरी लाडो मेरी दुनिया !

भाई न तेरा अब लड़ेगा !
अब तो तेरी राह तकेगा !
गुमसुम बैठेंगी घर में अकेली !
सहेली जैसी बहना तेरी !
माँ ढूंढेगी अब तुझको बिटिया !
अब करेगी किससे बतिया !
मेरे आँगन की तू है बग़िया !
मेरी लाडो मेरी दुनिया !

संस्कार जो मिले यहाँ से !
दाग़ उनमें लग न पाए !
स्वाभिमान को कभी हमारे !
चोट कभी लग न पाए !
पिया कुल का मान बढ़ाना !
इस घर की पहचान !
पिया घर अब नया जन्म है !
पिया घर अब तेरी दुनिया !
मेरे आंगन की तू है बग़िया !
मेरी लाडो मेरी दुनिया !
मेरी लाडो मेरी दुनिया !

विपिन बंसल

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6 Comments

Abhinav ji

18-Nov-2022 08:57 AM

Nice

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Alka jain

17-Nov-2022 05:10 PM

Nice 👍🏼

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Raziya bano

17-Nov-2022 05:03 PM

Superb

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